आत्महत्या के जरिए किसी प्रियजन को खो देने के गम से उबरना आसान नहीं होता है। नीचे कुछ जानकारी दी गई है तथा हमें आशा है कि इससे आपको अपने शोक का दर्द कुछ कम करने में मदद मिलेगी। सहायता और समर्थन में अन्य उपाय बताएं गए हैं, जो आपके लिए उपयोगी हो सकते हैं।
प्रतिक्रियाएं और भावनाएं
मदद के स्रोत
बीफ्रेंन्डर्स सेंटर, संकट से गुजर रहे किसी भी व्यक्ति को गुप्त भावनात्मक सहायता प्रदान करते हैं। अपने किसी निकट सम्बंधी को खोने से अत्यधिक दुख और शोक होता है। आत्महत्या के जरिए किसी की मृत्यु होने पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं एव भावनाएं व्यक्त की जाती हैं। आत्महत्या का शोक लम्बे समय तक रहता है। सदमा, सामाजिक अलगाव एवं अपराध-बोध की भावना अक्सर अधिक होती है तथा किसी भी विकल्प के बारे में सोचने से दर्दनाक प्रश्न उभरकर सामने आते हैं।
आप निम्न मे से कुछ अथवा सभी बातों का अनुभ कर सकते हैं:
गहरा सदमा
इस प्रकार की मृत्यु के परिणामस्वरूप सदमे और अविश्वास की भावना बहुत गहरी हो सकती है। इस शोक का एक सामान्य पहलू यह है कि मौत की छवि बार-बार दिमाग में आती है, चाहे आपने इसे अपनी आंखों से न भी देखा हो। लाश को देखना एक और दर्दनाक एवं दिमाग से न मिटने वाली घटना हो सकती है। मौत की इन अत्यधिक डरावनी एवं दर्दनाक छवियों का बार-बार दिमाग में उतरना तथा इनसे उत्पन्न भावनाएं एक स्वाभाविक बात होती है।
मन में प्रश्न उठना – क्यों?
आत्महत्या के जरिए शोक में व्यक्ति अक्सर लम्बे समय तक इस दुखद घटना के स्पष्टीकरण ही ढूंढता रहता है। कई लोग अंततः इस बात को स्वीकार कर लेते हैं कि वे यह कभी नहीं जान पाएंगे कि ऐसा क्यों हुआ। स्पष्टीकरणों को ढूंढने के दौरान उसी परिवार के विभिन्न सदस्यों के इस बारे में अलग-अलग विचार होते हैं कि यह मौत क्यों हुई। यह परिवार के सम्बंधों पर एक बोझ बन सकता है, विशेष रूप से जहां किसी पर दोष लगाने की बात शामिल हो।
मन में प्रश्न उठना – क्या इसे रोका जा सकता था?
यह सामान्य बात है कि दिमाग में प्रश्न उठता रहता है कि अपने प्रियजन की मौत को कैसे रोका जा सकता था और उसके जीवन को कैसे बचाया जा सकता था। अतीत में जाएं तो यह लगता है कि सब कुछ संभव हो सकता था। ‘यदि ऐसा करते तो यह नहीं होता’जैसी बातों का कोई अंत नज़र नहीं आता हैं। जो कुछ भी हुआ है, उन घटनाओं को दोहराना इस शोक से उबरने का एक स्वाभाविक और आवश्यक तरीका होता है। इस संबंध में हुए अनुसंधान से पता चला है कि आत्महत्या के कारण शोकसंतप्त लोग, किसी अन्य तरीके से शोकसंपप्त लोगों की तुलना में अधिक अपराध-बोध महसूस करते हैं, स्वयं को दोषी मानते हैं और स्वयं से प्रश्न करते हैं।
अलग कर देना/तिरस्कार
आप तिरस्कार की भावना का अनुभव कर सकते हैं। यह सामान्य बात है कि आप ऐसे किसी व्यक्ति द्वारा त्याग दिए जाने का अनुभव करें जो मौत का रास्ता ‘चुनता’ है।
“मैं इसलिए परेशान थी कि वह हमारे पास बात करने नहीं आया। मेरे विचार से हम सभी को कभी न कभी गुस्सा आया होगा। आप ही सोचिएः ‘आप हमारे साथ ऐसा क्यों कर सकते थे?’ “.
एक बहन जिसके भाई ने आत्महत्या कर ली थी।.
आत्महत्या का भय और भावनाएं
निराशा, शोक प्रक्रिया का एक स्वाभाविक हिस्सा होता है, परन्तु किसी प्रियजन की आत्महत्या के बाद निराशा के साथ साथ अपनी सुरक्षा का भय भी हो सकता है। आत्महत्या करने वाले किसी व्यक्ति के साथ तुलना करना अपनी सुरक्षा की भावना के लिए अत्यधिक ख़तरनाक हो सकता है। अन्य तरीके से शोक संपप्त लोगों की अपेक्षा आप अधिक परेशान हो सकते हैं तथा आत्महत्या की भावनाओं के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकते हैं।
मीडिया का ध्यान
जब कोई व्यक्ति आत्महत्या या अन्य अप्रत्याशित कारणों से मर जाता है, तो इसमें जनता की रुचि बढ़ सकती है। कानून द्वारा मांग की गई जांच से, मरने वाले व्यक्ति और उसके निकट सम्बंधियों और मित्रों की ओर ध्यान आकर्षित हो सकता है। शोक संतप्त सम्बंधियों और मित्रों के लिए मीडिया का ध्यान बहुत तनावपूर्ण हो सकता है, विशेष रूप से उस मामले में, जहाँ, मौत को अनुचित एवं गलत ढंग से प्रस्तुत किया जाता है।
कलंक और अलगाव
आत्महत्या के प्रति समाज के दृष्टिकोण बदल रहे हैं, परन्तु ये उस समर्थन को अभी भी सीमित कर सकते हैं, जो उपलब्ध है। अन्य लोगों के चुप्पी से, कलंक शार्मिंदगी और ‘अलग किस्म का होना’जैसी भावनाओं को अधिक बल मिल सकता है। यदि अन्य लोग आत्महत्या के बारे में परेशान, चिंतित और टाल-मटोल करने वाले हैं, तो आप अत्यधिक अलग-अलग महसूस कर सकते हैं। प्रियजन के जीवन और व्यक्तित्व से भी पहलुओं के बारे में बात करने, इन्हें याद करने और उजागर करने के अवसरों से वंचित किया जा सकता है। अन्य लोगों की राय से किसी प्रियजन और स्वयं को बचाने की अत्यधिक आवश्यकता महसूस की जा सकती है।
एक मां ने अपने पुत्र की मृत्यु के बारे में लिखते हुए कहा कि हमें यह कभी नहीं बताया गया कि उस व्यक्ति से क्या कहा जाए जिसके परिवार में आत्महत्या की घटना हुई है। वह वही बात सुनना चाहती थी जो उस व्यक्ति से कही जा सकती थी, जिसे किसी निकट सम्बंधी की मौत का अनुभव हुआ होः “मुझे आपकी पीड़ा पर वास्तव में दुख है और क्या मेरे लायक कोई सेवा है?यदि आपको इसके बारे में बात करनी है तो मैं सुनने के लिए तैयार हूं। आप मेरे कंधे पर सिर रखकर अपना मन हल्का कर सकती हैं।”
©रॉयल कॉलेज ऑफ साइकिएट्रिक्ट्स 1997
केट हिल, कीथ हॉटन, एस्लॉर्ग मामवर्ग और सुई सिमकिन के बिरीवमेंट इन्फॉरमेशन पैक से उद्धत द रॉयल कॉलेज ऑफ साइकिएट्रिक्ट्स की अनुमति से पुनः प्रस्तुत
आत्महत्या के कारण शोक
आवश्यकताएं
आत्महत्या के कारण शोक संतप्त कनडाई लोगों के एक समूह से बात की गई और यह महसूस किया गया कि उन्हें निम्न मामलों में मदद और समर्थन की ज़रूरत थीः:
- प्ररिप्रेक्ष्य में आत्महत्या को समझना
- आत्महत्या के कारण पैदा हुई पारिवारिक समस्याओं से निपटना
- स्वयं के बारे में बेहतर महसूस करना
- आत्महत्या के बारे में बात करना
- आत्महत्या तथा इसके प्रयासों के बारे में तथ्यात्मक जानकारी प्राप्त करना
- अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए सुरक्षित स्थान होना
- आत्महत्या के प्रति अन्य लोगों की प्रतिक्रियाओं को समझना और उनसे निपटना
- व्यावहारिक और सामाजिक चिंताओं पर सलाह प्राप्त करना
©रॉयल कॉलेज ऑफ साइकिएट्रिक्ट्स 1997
केट हिल, कीथ हॉटन, एस्लॉर्ग मामवर्ग और सुई सिमकिन के बिरीवमेंट इन्फॉरमेशन पैक से उद्धत द रॉयल कॉलेज ऑफ साइकिएट्रिक्ट्स की अनुमति से पुनः प्रस्तुत
सहायता और समर्थन
मदद लेने का समय कब होता है?
शोक, दर्दनाक और सब कुछ समाप्त कर देने वाला होता है। यह फैसला करना हमेशा आसान नहीं होता है कि मदद लेने का समय कब हो सकता है। आप मदद लेने का निर्णय ले सकते हैं, यदि आप:
- मृत्यु के कुछ महीने बाद भी स्तब्ध और खाली सा महसूस करते रहते हैं
- सो नहीं सकते हैं अथवा भयानक सपने देखते हैं
- यह महसूस करते हैं कि आप गहरी भावनाओं और शारीरिक अनुभूति, जैसे थकावट, उलझन, बैचनी या घबराहट, निंरतर तनाव से नहीं निपट सकते हैं
- प्रियजन की मृत्यु से उत्पन्न विचारों और भावनाओं, उदाहरण के लिए, क्रोध, अपराध-बोध, तिरस्कार से परेशान हो जाते हैं
- अपने दुख बांटने की आवश्यकता महसूस करते हैं, परन्तु ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है जिसके साथ आप ऐसा कर सकें
- कुछ भी महसूस न करने के लिए निरंतर सक्रिय रहते हैं (उदाहरण के लिए, हर समय कार्य करना)
- यह देखते हैं कि आप अत्यधिक शराब पी रहे हैं अथवा दवाइयां ले रहे हैं
- यह देखते हैं कि आप चिंता कर रहे हैं और स्वयं आत्महत्या की सोच रहे हैं
- इस भय से ग्रस्त हो जाते हैं कि आपके आसपास के लोग (प्रियजन) भी कमज़ोर पड़ गए हैं तथा स्थिति से नहीं निपट पा रहे हैं
सहायता के कुछ स्रोत और इनसे आपको किस तरह की मदद मिल सकती हैः-
स्वयं-सहायता समूह
आपको अन्य लोगों से मिलने और उनके साथ भावनाएं एवं अनुभव बांटने के लिए समर्थ बनाते हैं तथा आपको पुनः आश्वासन दे सकते हैं
स्थानीय डॉक्टर
- आपकी बात सुन सकते हैं, आपसे बात कर सकते हैं और भावनात्मक समर्थन दे सकते हैं
- आपको नींद न आने, बेचैनी अथवा अवसाद जैसी समस्याओं में मदद कर सकते हैं
- सहायता के अन्य स्रोतों के सम्बंध में आपको सलाह दे सकते हैं
हर डॉक्टर अलग-अलग तरीके से मदद कर सकता है। छोटी मुलाकात में इस बारे में बात करना हमेशा संभव नहीं होता है कि क्या हुआ है। आप मुलाकात से पहले इस बात की जानकारी देने के लिए डॉक्टर को लिख सकते हैं।
परामर्श (काउंसलिंग)
- इससे विषय पर विस्तार से बात करने या अधिक लम्बे समय तक सहायता मिलने का अवसर मिलता है
- इसमें आपको भूतकाल की गहराई में जाने के लिए विवश नहीं होना पड़ता है, परन्तु इसके बजाय आपको उस भावनात्मक संकट और जीवन के परिवर्तनों से निपटने में मदद मिल सकती है जिनसे आप गुजर रहे हों
- ये एक राहत के रूप में हो सकते हैं, क्योंकि इससे आप एक सुरक्षित वातावरण किसी अजनबी व्यक्ति से बात कर सकते हैं
धर्म
- यह शक्ति और सहायता का स्रोत हो सकता है, यदि आप धर्म में आस्था रखते हैं
- स्थानीय धार्मिक नेता, सहायता के अमूल्य स्रोत हो सकते हैं
बीफ्रेन्डर्स सेंटर
- ये उस किसी भी व्यक्ति को गुप्त सहायता दे सकते हैं, जो हताश अथवा निराश हो या जिसके मन में आत्महत्या करने के विचार आ रहे हों। अपने निकट किसी हैल्पलाइन का पता करने के लिए यहां क्लिक करें।
विशेषज्ञताप्राप्त शोक संगठन
कुछ विशेषज्ञताप्राप्त शोक संगठनों की सूची निम्न संपर्कों पर उपलब्ध हैः-
इंटरनैशनल एसोसिएशन फॉर सुइसाइड प्रिव़ेन्शन
www.med.uio.no/iasp/english/cs.html
अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ सुइसाइडोलॉजी
www.suicidology.org/displaycommon.cfm?an=6
कनैडियन एसोसिएशन फॉर सुइसाइड प्रिव़ेन्शन
http://www.casp-acps.ca
यू.के. स्रोत
रॉयल कॉलेज ऑफ साइकिएट्रिस्ट्स बिरीवमेंट पैक के पूर्ण संस्करण में यू.के. शोक संगठनों की पूरी सूची दी गई है। आप यहां के पूरे पैक का pdf डाउनलोड कर सकते हैं।
©रॉयल कॉलेज ऑफ साइकिएट्रिक्ट्स 1997
केट हिल, कीथ हॉटन, एस्लॉर्ग मामवर्ग और सुई सिमकिन के बिरीवमेंट इन्फॉरमेशन पैक से उद्धत द रॉयल कॉलेज ऑफ साइकिएट्रिक्ट्स की अनुमति से पुनः प्रस्तुत